Digital Health Card क्या है, इससे जुड़े फ़ायदे और चिंताएं क्या-क्या हैं?
डिजिटल हेल्थ कार्ड जो आप की बीमारी इलाज और मेडिकल टेस्ट से जुड़ी सभी जानकारियों को एक जगह सुरक्षित रखें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की जिसके तहत भारतीय नागरिकों को एक डिजिटल हेल्थ आईडी दिया जाएगा जिसमें लोगों के हैल्थ रिकॉर्ड से संबंधित जानकारियां रखी जायेगी।
Digital Health Card के बारे में डिटेल में जानते हैं. डिजिटल हेल्थ कार्ड एक तरह से आधार कार्ड की तरह होगा। डिजिटल हैल्थ कार्ड पर आपको 14 अंकों का एक नंबर मिलेगा इसी नंबर से मेडिकल कामों के लिए आपकी पहचान होगी इसके जरिए किसी मरीज की मेडिकल हिस्ट्री का पता चल सकेगा इसमें स्वास्थ्य से जुड़ी कई जानकारियां दर्ज होगी जैसे किसी व्यक्ति की कौन सी बीमारी का इलाज , किस अस्पताल में हुआ क्या टेस्ट कराए गए कौन सी दवाइयां दी गई मरीज को कौन-कौन सी स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याएं हैं और क्या मरीज किसी स्वास्थ्य योजना से जुड़ा है ।
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Digital Health Card Kaise Banaye Online :
अब जानते हैं कि यह Digitale Health Card आप कैसे बना सकते हैं हेल्थ कार्ड बनाने के लिए आपको National Health Authority की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा वहां पर हेल्थ आईडी नाम से एक टाइटल दिखेगा यहां आप क्रिएट हेल्थ आईडी विकल्प पर क्लिक करेंगे। अगले पेज पर आपको अपने आधार या मोबाइल फोन से हेल्थ कार्ड जेनरेट करने का ऑप्शन मिलेगा।
Direct Apply Digital Health Card
आधार नंबर या फोन नंबर डालने पर एक ओटीपी प्राप्त होगा ओटीपी भरने के बाद आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा जिसमें आपको अपने प्रोफाइल के लिए फोटो अपनी जन्मतिथि और पता समेत कुछ और अन्य जानकारियां देनी होगी सारी जानकारियां भरते ही एक हेल्थ आई कार्ड बनकर आ जाएगा । जिसमें आप से जुड़ी जानकारियां फोटो और एक क्यूआर कोड होगा जो लोग हेल्थ कार्ड खुद से बनाने में सक्षम नहीं है वह सरकारी अस्पताल कम्युनिटी हेल्थ सेंटर हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर से अपना हेल्थ कार्ड बनवा सकते हैं
Digital Health Card Kya Hai : ( डिजिटल हैल्थ कार्ड क्या है )
हेल्थ कार्ड में किसी मरीज का पूरा मेडिकल डाटा रखने के लिए अस्पताल क्लीनिक और डॉक्टर को एक सेंटर से जोड़ा जाएगा इसमें अस्पताल खोलने को डॉक्टर भी पंजीकृत होंगे इसके लिए आपको एनबीएचएम हेल्थ रिकॉर्ड्स ऐप डाउनलोड करना होगा । इसमें आप अपने हेल्थ आईडी या पीएचआर एड्रेस और पासवर्ड के जरिए लॉगइन कर सकते हैं।इस ऐप में आपको उस अस्पताल या हेल्थ फैसिलिटी को ढूंढकर लिंक करना होगा ।
जहां आपने इलाज कराया है उनके पास मौजूद आपका स्वास्थ्य संबंधी डाटा इस मोबाइल में आ जाएगा । आप चाहे तो खुद भी अपनी प्रिसक्रिप्शन टेस्ट रिपोर्ट या अन्य जानकारियां इस ऐप में डाल सकते हैं। इसके लिए लॉकर की सुविधा भी दी गई इतना ही नहीं कोई डॉक्टर आप की सहमति के साथ 14 अंकों के यूनिक आईडी के जरिए आपके स्वास्थ्य डाटा को भी देख सकेगा । इसके लिए आप की सहमति अनिवार्य है। साथ ही आप जब चाहे अपने स्वास्थ रिकॉर्ड को डिलीट भी कर सकते है ।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आप डॉक्टर के पुराने परिचय और टेस्ट की रिपोर्ट साथ ले जाने की जरूरत नहीं,साथ ही कोई दस्तावेज होने की चिंता भी नहीं होगी अगर पुराने टेस्ट की रिपोर्ट नहीं है तो डॉक्टर को फिर से सारे टेस्ट
नहीं करवाने होंगे इससे समय और पैसे की बचत होगी । आप चाहे किसी भी शहर में इलाज कराएं डॉक्टर यूनीक आईडी के जरिए आपकी पिछली स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों को देख पाएंगे ।
Digital Health Card Negative Effects :
इस कार्ड से जुड़ी अच्छी-अच्छी बातें तो खूब हो गयी। अब चलते चलते इस कार्ड से जुड़ी कुछ चिंताओं पर भी नजर डाल देते हैं इसकी सबसे बड़ी चिंता है प्राइवेसी और साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी डिजिटल हेल्थ कार्ड में हमारा सारा डाटा डिजिटली रखा जाएगा।
इसे सर्वर पर इकट्ठा किया जाएगा सरकार का दावा है कि लोग एक निजी सुरक्षित और भरोसेमंद माहौल में अपना डाटा डिजिटली संभाल कर रख पाएंगे लेकिन साइबर क्योरिटी के जानकार इस से जुड़े खतरे को लेकर वह कहते हैं कि अगर कोई डेटा सर्वर पर रखा गया है तो उसकी सुरक्षा के लिए आप की निर्भरता सरकार पर होगी।
लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार नई नई कोशिश करती है लेकिन हर बार साइबर सिक्योरिटी का सवाल बनकर खड़ा हो जाता है । आधार कार्ड को लेकर भी डाटा के पूरी तरह सुरक्षित होने का दावा किया जाता है लेकिन ऐसे मामले भी सामने आए हैं जब आधार कार्ड के डाटा में सेंध लगी। तो क्या डिजिटल हेल्थ कार्ड भी ऐसे किसी सायबर सेक्युरिटी का शिकार हो सकता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।